भारत में टेलीग्राम बैन: अचानक लगे प्रतिबंध से करोड़ों यूजर्स को झटका
नई दिल्ली (27/08/2024):- सरकार के एक अप्रत्याशित फैसले के तहत, भारत में लोकप्रिय मैसेजिंग एप्लिकेशन टेलीग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम देशभर के करोड़ों यूजर्स के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है, जो रोजमर्रा के संवाद, व्यापारिक गतिविधियों और जानकारी के आदान-प्रदान के लिए इस एप का उपयोग करते थे।
बैन का कारण – सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह प्रतिबंध सुरक्षा कारणों से लगाया गया है। सरकार का दावा है कि टेलीग्राम का इस्तेमाल कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा संदिग्ध गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। सरकार की चिंता यह है कि एप के एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग फीचर्स के कारण, सुरक्षा एजेंसियों के लिए मैसेजिंग गतिविधियों पर नजर रखना मुश्किल हो गया था। यही कारण है कि इसे रोकने का फैसला लिया गया है।
पिछले कुछ समय से, सुरक्षा एजेंसियां इस एप के जरिए हो रही संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रही थीं, और इसी के चलते यह फैसला लिया गया। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि सरकार ने यह कदम बिना किसी पूर्व चेतावनी के उठाया, जिससे यूजर्स में आक्रोश है।
यूजर्स पर असर इस बैन के बाद देश के लाखों छोटे व्यापारी, छात्र, और प्रोफेशनल्स, जो टेलीग्राम पर निर्भर थे, अब असमंजस में हैं। बहुत से लोग इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल पढ़ाई के नोट्स, नौकरी की जानकारी, और दूसरी महत्वपूर्ण सूचनाओं के लिए करते थे। अब उनके पास सीमित विकल्प बचे हैं, और इससे उनकी दिनचर्या पर सीधा असर पड़ेगा।
सोशल मीडिया पर भी इस प्रतिबंध के खिलाफ लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। कई यूजर्स ने इसे अनुचित बताया है और सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
आगे की राह इस फैसले के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार टेलीग्राम पर प्रतिबंध को स्थायी रूप से लागू करेगी, या जनता के दबाव में इसे वापस लिया जाएगा। वैकल्पिक मैसेजिंग प्लेटफार्म्स का सुझाव दिया गया है, लेकिन क्या वे टेलीग्राम की तरह ही उपयोगी होंगे, यह कहना मुश्किल है।
इस प्रतिबंध से भारत में टेलीग्राम की लोकप्रियता और कंपनी की वैश्विक स्थिति पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि भारत इसके बड़े बाजारों में से एक है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला कैसे आगे बढ़ता है और क्या सरकार अपने फैसले पर कायम रहती है।
टेलीग्राम पर बैन का यह फैसला देश में एक बड़ी बहस का मुद्दा बन चुका है। जहां कुछ लोग इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही ठहरा रहे हैं, वहीं अन्य इसे डिजिटल आजादी पर एक और हमला मान रहे हैं। बहरहाल, सरकार और जनता के बीच इस मुद्दे को लेकर संवाद होना जरूरी है ताकि सही समाधान तक पहुंचा जा सके।