Bageshwar Dham Padyatra Delhi to Vrindavan
बागेश्वर धाम द्वारा दिल्ली से वृंदावन तक “सनातन हिंदू एकता पदयात्रा” 7 नवंबर 2025 से 16 नवंबर 2025 तक आयोजित की जा रही है। यह यात्रा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में होगी और इसमें बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेंगे।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री(Bageshwar Dham Padyatra) ने 7 नवंबर से 16 नवंबर 2025 तक दिल्ली से वृंदावन तक लगभग 170 किलोमीटर लंबी ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ की घोषणा की है। यह यात्रा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सनातनियों को एकजुट करने का वैचारिक आंदोलन है। अब दिल्ली से वृंदावन तक हिंदू रास्ता बन चुका है, जो श्रद्धा, संस्कृति और एकता का प्रतीक है।
यात्रा की मुख्य जानकारी
- यात्रा की शुरुआत 7 नवंबर 2025 को सुबह 11 बजे कात्यायनी माता मंदिर, छतरपुर, दिल्ली से होगी।
- समापन वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में 16 नवंबर 2025 को होगा।
- यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्म की एकता को दर्शाना, राष्ट्र निर्माण के लिए संकल्प लेना, और हिंदू संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना है।
- यात्रा लगभग 10 दिनों में पूरी होगी और हर दिन औसतन 15 किलोमीटर पैदल चलना होगा।
- इस मार्ग में दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश शामिल हैं, कुल मिलाकर यात्रा करीब 150 किलोमीटर की होगी।
- यात्रा के रास्ते हर मठ-मंदिर, संगठन व संत समाज की ओर से भव्य स्वागत की व्यवस्था होगी।
- पदयात्रा के दौरान राष्ट्रगान, हनुमान चालीसा, और धार्मिक कार्यक्रम भी होंगे।
- यह पदयात्रा देशभर के सनातन धर्मावलंबियों के लिए एक बड़ा धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजन बनने जा रही है।
संतों की बैठक में बनी यात्रा की रूपरेखा
वृंदावन के कृष्ण कृपा धाम आश्रम में सोमवार को 200 से अधिक साधु-संतों की बैठक हुई। इसमें यात्रा के अनुशासन, धार्मिक मर्यादा और आयोजन की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में शामिल प्रमुख संत:
- कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज
- बीजेपी सांसद मनोज तिवारी
- देशभर से आए संत और महंत
🛤️ यात्रा का मार्ग और समापन – Live
- यह दस दिवसीय पदयात्रा पूरी शालीनता और सांस्कृतिक गरिमा के साथ निकाली जाएगी।
- यात्रा का समापन 16 नवंबर को वृंदावन के श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के साथ होगा।
- लाखों श्रद्धालु, देशभक्त और सनातनी हिंदू इस यात्रा में भाग लेंगे।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा:
“यह यात्रा सनातन धर्म की रक्षा और हिंदू समाज की एकता के लिए है। धर्म विरोधी ताकतें हमें पीछे करने में लगी हैं, लेकिन सभी संत और महापुरुष हमारे साथ हैं।”
🗣️ वैचारिक संदेश और सामाजिक संकल्प
- ब्रज क्षेत्र में मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक, यमुना की शुद्धता, और धार्मिक स्थलों पर राष्ट्रगीत का वादन इस यात्रा के प्रमुख संकल्प हैं।
- मंदिरों और मस्जिदों में राष्ट्रगीत का वादन यह दर्शाने के लिए होना चाहिए कि कौन इस मातृभूमि से सच्चा प्रेम करता है।
- यह यात्रा एक हिंदू जागरण का मार्ग है, जो आने वाली पीढ़ियों को सनातन संस्कृति से जोड़ने का कार्य करेगा।
बागेश्वर धाम की यह पदयात्रा अब एक हिंदू रास्ता बन चुकी है — एक ऐसा मार्ग जो आस्था, एकता और राष्ट्र प्रेम से जुड़ा है। यह यात्रा न केवल धार्मिक है, बल्कि भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ओर एक बड़ा कदम है।
अगर आप इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं या मार्गदर्शन चाहते हैं, तो Fill contact form